वो आए खयालों में
तब भी दूरियाँ बनाए रखीं
और हम आगवानी के लिए
अपना घर संवारने लगे
दिल की आदत सी
बन गई है मसरूफियत
कुछ और नहीं मिला
तो सुकून तलाशने लगे
तय तो यही किया था
नहीं करेंगे कभी याद उन्हें
पर तन्हाई ने सताया
तो उन्हें ही पुकारने लगे
.. रजनीश (30.09.18)
जो बीत गया
सो बीत गया
कुछ खर्च किया
कुछ जोड़ लिया
कुछ रीत गया
कुछ सीख मिली
कुछ हार मिली
कुछ जीत गया
जो बीत गया
सो बीत गया
कभी साथ मिला
कहीं प्रीत मिली
कभी मीत गया
कोई गले मिला
कोई दूर रहा
कोई पीट गया
जो बीत गया
सो बीत गया
कहीं खुशी मिली
कभी रो लिया
कभी खीझ गया
कुछ बुरा रहा
कुछ अच्छा था
कुछ ठीक गया
जो बीत गया
सो बीत गया
...रजनीश (26.09.18)
अब तक जो इंसान ने सीखा
हमें सिखाता है शिक्षक
राह बेहतर हो जाने की
हमें दिखाता है शिक्षक
साक्षर हमें बनाता
देता नया नजरिया शिक्षक
कुछ कर सकने को विद्या में
पारंगत करता है शिक्षक
विद्यादान महादान है
सबसे ऊंचा शिक्षक
करता समाज की सेवा
समाज को यश दिलाता है शिक्षक..
...रजनीश (05.09.18)
शिक्षक दिवस पर
पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....