वो कुछ कहता नहीं,
और मैं सुन लेता हूँ,
क्योंकि उसकी बातें
मेरे पास ही रखी हैं,
उसकी आवाज़ में झाँककर
कई बार अपने चेहरे पर चढ़ी धूल
साफ की है मैंने ,
अक्सर उसकी वो आवाज़,
वहीं पर सामने होती है
जहां तनहा खड़ा ,
मैं खोजता रहता हूँ खुद को,
उस खनक में ,
रोशनी होती है एक
जो करती है मदद,
और मेरा हाथ पकड़
मुझे ले आती है मेरे पास,
उसकी आवाज़ फिर सहेजकर
रख लेता हूँ....
दोस्त है वो मेरा .....
.............रजनीश (10.02.2011)
dosti ki yaden youn hi sahej ker rakhi jati hai
ReplyDeleteयादें ही तो एक बची होती है हमारे पास जो सारी जिंदगी अपनो को पास रखती है। उम्दा रचना। आभार।
ReplyDeletebahut umda .
ReplyDeleteyaaden sada pas hi rahti hain.
वो कुछ कहता नहीं,
ReplyDeleteऔर मैं सुन लेता हूँ,
क्योंकि उसकी बातें
मेरे पास ही रखी हैं,
yaden sada ke liye
Bahut Sunder.....
ReplyDeleteदोस्त होता ही है इतना अपना...!
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