Tuesday, February 19, 2013

सवाल....ये है कि















सवाल....इस बात का है कि
हर बात पर क्यूँ है एक सवाल

सवाल ....ये बड़ा है कि
क्या है सबसे बड़ा सवाल

सवाल ....ये उठता है कि
सब क्यों उठाते हैं सवाल

सवाल ....ये पैदा होता है कि
क्यूँ पैदा होता है सवाल

सवाल ....ये है कि
जवाब में क्यूँ होते हैं सवाल

सवाल ....ये बनता है कि
खत्म क्यूँ  नहीं होते सवाल

सवाल ....ये है जरूरी कि
क्या जरूरी है हर  सवाल

सवाल ...ये खड़ा होता है कि
क्यूँ खड़े करते हो सवाल

सवाल ...ये सही  है कि
क्या सही है तुम्हारा सवाल

सवाल ....ये है हर जगह कि
हर जगह क्यूँ है  इक सवाल

सवाल ....ये मिलता है कि
क्यूँ ढूंढते हो इक सवाल

सवाल ...ये जानना है कि
जानने के लिए क्या जरूरी है सवाल

सवाल ...ये है कि
सारे सवालों के पार
क्या होगा सवाल ....


जवाब की प्रतीक्षा में .........
रजनीश (19.02.2013)

7 comments:

  1. बढ़िया है आदरणीय-
    शुभकामनायें-

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  2. that's in our very basic nature..
    we question everything. It is strange but true.. we question ourselves even when we are most confident...

    humans are curious creatures..
    aren't we ?

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  3. सवालों के जवाबों से उठते सवाल..

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  4. सवालों पर सुंदर अभिव्यक्ति

    होती बड़ी मृदुल कुछ बातें,कर्कश भी होतीं है बातें
    प्रेम कराती हैं ,ये बातें, बातें बंद कराती बातें
    सहनी पड़ती हैं कुछ बातें,सही नहीं जातीं कुछ बातें
    उचे स्वर में होतीं बातें, चुपके -चुपके होतीं बातें

    आज चली कुछ ऐसी बातें,बातों पर हो जाएँ बातें,

    Recent Post दिन हौले-हौले ढलता है,

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  5. निसर्ग में केवल और केवल जवाब हैं सवाल तो सभी मन की उपज हैं..

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  6. ज्यों ज्यों सवाल बढते जा रहे हैं जवाब नदारद होते जा रहे है.

    सुंदर प्रस्तुति.

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टिप्पणी के लिए धन्यवाद ... हार्दिक शुभकामनाएँ ...