वो आए खयालों में
तब भी दूरियाँ बनाए रखीं
और हम आगवानी के लिए
अपना घर संवारने लगे
तब भी दूरियाँ बनाए रखीं
और हम आगवानी के लिए
अपना घर संवारने लगे
दिल की आदत सी
बन गई है मसरूफियत
कुछ और नहीं मिला
तो सुकून तलाशने लगे
बन गई है मसरूफियत
कुछ और नहीं मिला
तो सुकून तलाशने लगे
तय तो यही किया था
नहीं करेंगे कभी याद उन्हें
पर तन्हाई ने सताया
तो उन्हें ही पुकारने लगे
नहीं करेंगे कभी याद उन्हें
पर तन्हाई ने सताया
तो उन्हें ही पुकारने लगे
.. रजनीश (30.09.18)
Hello Rajnish Ji, We have publish your blog our weekly Column 'Blog of the Week'. You can view about your blog here.
ReplyDeletehttps://www.iblogger.prachidigital.in/blog-review/rajnish-ka-blog-blog-of-the-week/
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 01/10/2018 की बुलेटिन, ये बेचारा ... होम-ऑटोमेशन का मारा “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteवाकई दिल तो हमेशा किसी न किसी काम में लगा रहना चाहता है..खाली बैठा तो जैसे उसका अस्तित्त्व ही खो जायेगा...
ReplyDeleteबहुत खूब अच्छी poem हैं सर
ReplyDeletehttps://www.sabinhindi.com/2020/11/happy-new-year-wishes-for%20-friends-and-family-in-hindi-2021.html?m=1
ReplyDeleteHappy new year 2021