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Sunday, March 3, 2013
खेल इंसान का
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राह तो बस राह है उसे आसां या मुश्किल बनाना इंसान का खेल है तकदीर तो बस तकदीर है उसे बिगाड़ना या बनाना इंसान का खेल ...
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Friday, April 27, 2012
खेल साँप-सीढ़ी का ...
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(एक पुरानी कविता पुनः पोस्ट कर रहा हूँ कुछ संशोधन के साथ .... ) मैं हूँ एक खिलाड़ी हरवक्त मेरे कदम होते हैं किसी सीढ़ी के एक पायदान या...
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