Friday, October 21, 2011

आ गई ठंड

mysnaps_diwali 155
बुझ गई धरा की प्यास
खुश हुईं सारी नदियां भी
लहलहा उठे हैं सब खेत
देखो तनी  है छाती  पेड़ों की

गुम चुकी है  बदरिया अब
भिगा धरती का हर छोर
फिर दौड़ने लगा  है सूरज
सींचता प्यारी धूप  चहुं ओर

छोटे हो चले अब दिन
अब होंगी लंबी  रातें
निकाल लो अब रजाइयाँ
दुबक कर  करना उसमें बातें

हैं ये दिन त्योहारों के
बन रही है मिठाइयाँ
रोशन दिये से होंगी रातें
चल रही है तैयारियां

कोई डरता अब के बरस भी  
फिर से सिहर कर काँप उठता
हैं  पास न छत न उसके कपड़े
बचने की वो भी कोशिश करता

बर्फ सजाएगी पहाड़ों को अब
गहरी  झीलें भी जम जाएंगी
सुबह मिलेंगीं ओस की बूंदें
साँसे भी अब दिख जाएंगी

वादियाँ ओढ़ती हैं एक लिहाफ
दुनिया कोहरे में छुप जाती है
लो ख़त्म हुई इंतज़ार की घड़ियाँ
इठलाती हुई ठंड आती है ...
.....रजनीश ( 21.10.2011)

20 comments:

  1. दीवाली ठंड का प्रथम संकेत है।

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  2. हर मौसम की तरह सर्दी का भी स्वागत है.

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  3. रजनीश जी
    कविता मन को छू गयी।
    सर्दी के आगमन का अहसास जिस तरह से इस कविता ने कराया
    उसका जवाब नही
    सुन्दर कविता के लिए बधाई

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  4. वादियाँ ओढ़ती हैं एक लिहाफ
    दुनिया कोहरे में छुप जाती है
    लो ख़त्म हुई इंतज़ार की घड़ियाँ
    इठलाती हुई ठंड आती है ...खुबसूरत ठण्ड के साथ सुन्दर रचना....

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  5. खूबसूरत प्रस्तुति |

    त्योहारों की नई श्रृंखला |
    मस्ती हो खुब दीप जलें |
    धनतेरस-आरोग्य- द्वितीया
    दीप जलाने चले चलें ||

    बहुत बहुत बधाई ||

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  6. सुखद अहसास ठण्ड के आगमन का...

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  7. Waah.. bahut gahre bhav ukere hain aapne..
    Badhai..

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  8. वाह रजनीश जी, बहुत ही सुन्दर कविता है ... खैर यहाँ तो इतनी ठण्ड है कि क्या कहें ...

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  9. ठंड का स्वागत करती हुई इस मधुर रचना के लिये शीत मुबारक !

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  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण्।

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  11. बदलते मौसम का स्वागत करती हुई प्यारी रचना ..

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  12. सुंदर शरद स्वागत गीत !
    हार्दिक शुभकामनायें आपको !

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  13. aanewale mausam ka aapne achha chitra kheencha hai

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  14. mousam ke sath aapke blog ka kalewar bhi badla sa laga...sundar rachna haan ab aa hi gai thand:)
    par yaha mumbai me ye thand aati nahi:(
    aapki rachna padhkar hi thoda ahsaas jaag gaya.

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  15. परिवर्तन प्रकृति का स्वभाव है।
    सुंदर रचना।

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  16. prakriti ka varnan karti sundar rachna. ek taraf tyohaar ki taiyaari to kisi kisi ko fikra ki kaise thand mein guajara ho. bahut achchhi rachna, badhai.

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  17. बहुत सुन्दर....दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!

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टिप्पणी के लिए धन्यवाद ... हार्दिक शुभकामनाएँ ...