वो आए खयालों में
तब भी दूरियाँ बनाए रखीं
और हम आगवानी के लिए
अपना घर संवारने लगे
तब भी दूरियाँ बनाए रखीं
और हम आगवानी के लिए
अपना घर संवारने लगे
दिल की आदत सी
बन गई है मसरूफियत
कुछ और नहीं मिला
तो सुकून तलाशने लगे
बन गई है मसरूफियत
कुछ और नहीं मिला
तो सुकून तलाशने लगे
तय तो यही किया था
नहीं करेंगे कभी याद उन्हें
पर तन्हाई ने सताया
तो उन्हें ही पुकारने लगे
नहीं करेंगे कभी याद उन्हें
पर तन्हाई ने सताया
तो उन्हें ही पुकारने लगे
.. रजनीश (30.09.18)