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Sunday, September 30, 2018
कुछ आदतें
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वो आए खयालों में तब भी दूरियाँ बनाए रखीं और हम आगवानी के लिए अपना घर संवारने लगे दिल की आदत सी बन गई है मसरूफियत कुछ और न...
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Friday, April 27, 2012
खेल साँप-सीढ़ी का ...
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(एक पुरानी कविता पुनः पोस्ट कर रहा हूँ कुछ संशोधन के साथ .... ) मैं हूँ एक खिलाड़ी हरवक्त मेरे कदम होते हैं किसी सीढ़ी के एक पायदान या...
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