रजनीश का ब्लॉग
Showing posts with label लालच. Show all posts
Showing posts with label लालच. Show all posts
Wednesday, November 30, 2011

ज़िंदगी की दौड़

›
शुरू होता है हर दिन अजान की आवाज़ से चिड़ियों की चहचहाहट कुछ अंगड़ाइयों में विदा होती रात से बातें फिर धूप की दस्तक और मंदिर के घंटे अब लगते...
16 comments:
Tuesday, November 29, 2011

फिर वही बात

›
रोज़ इनसे होते हैं दो-चार सुनते किस्से इनके हजार खबरों से हैं गरम बाज़ार बड़ा फेमस है भ्रष्टाचार किसी को मिली बेल कोई गया जेल किसी के नाम ए...
12 comments:
›
Home
View web version

कुछ अपने बारे में

My photo
रजनीश तिवारी
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर....लिखता हूँ ...फोटोग्राफी भी .... ब्लॉग के माध्यम से मेरी कविताएं पहुँचती हैं आप तक ...
View my complete profile
Powered by Blogger.