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जमीन
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Wednesday, June 26, 2013
वजूद का सच
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तोड़कर भारी चट्टानें बनाया घर रोककर धार नदियों की बनाया बांध काटकर ऊंचे पहाड़ बनाया रास्ता छेद कर पाताल बनाया कुआं पार कर क्ष...
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Saturday, August 6, 2011
लकीर
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कभी एक लकीर खींची थी मैंने जमीन पर आज कोशिश की उसे मिटाने की, आज लड़ा उस लकीर से अपनी जमीन पर गड्ढे कर लिए मैंने मिट्टी निकाली उस ...
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Saturday, June 18, 2011
बारिश
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धूप ने महीनों सुखाया था मिट्टी को आखिरी बूंद तक निकाल ले गई थी जली हुई जमीं की राख़ उड़ती थी हवा में छांव की ठंडक हवा संग बह गई थी गर...
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Thursday, June 2, 2011
हवा
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अभी कुछ पल ही बीते धूप बिखेर रही थी अंगारे जमीन कर रही थी कोशिश कहीं छूप जाने की फिर अचानक धूप में मिलने लगी धूल हवा चलते चलते दौड़न...
8 comments:
Wednesday, January 5, 2011
लकीर
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कभी एक लकीर खींची थी मैंने , जमीन पर / आज कोशिश की उसे मिटाने की/ आज लड़ा उस लकीर से / अपनी जमीन पर गड्ढे कर लिए मैंने/ मिट्टी निका...
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