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Saturday, June 30, 2012
कुछ बात बन जाए
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(अपनी एक पुरानी रचना --कुछ शेर फिर से ) कैद हो ना सकेगी बेईमानी चंद सलाखों के पीछे घर ईमानदारी के बनें तो कुछ बात बन जाए मिट सकेगा ...
12 comments:
Monday, August 29, 2011
समाधान
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कैद हो ना सकेगी बेईमानी चंद सलाखों के पीछे घर ईमानदारी के बनें तो कुछ बात बन जाए मिटता नहीं अंधेरा कोठरी में बंद करने से एक दिया वह...
18 comments:
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