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संसार
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Wednesday, March 13, 2013
झूठे सपनों के पार
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है सूरज निकल पूरब से जाता हर रोज़ पश्चिम की ओर पानी लिए नदियां हर पल हैं मिलती रहती सागर में बादल बरस बरस कर करते र...
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Wednesday, July 4, 2012
कुछ दोहे - एक रपट
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ये चित्र - गूगल से , साभार महीना आया सावन का बारिश का इंतज़ार हम देख आसमां सोचते कैसी मौसम की मार रुपया चला रसा...
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Tuesday, August 9, 2011
सूरज से एक प्रार्थना
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हे सूर्य ! तुम्हारी किरणों से, दूर हो तम अब, करूँ पुकार । बहुत हो गया कलुषित जीवन, अब करो धवल ऊर्जा संचार । सुबह, दुपहरी हो या साँझ,...
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Monday, July 11, 2011
सुबह की चाय
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हर रोज़ सुबह दरवाजे पर संसार पड़ा हुआ मिलता है चंद पन्नों में चाय की चुस्कियों में घोलकर कुछ लाइनें पीने की आदत सी हो गई है और साथ...
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Sunday, April 10, 2011
मिलावट
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मत खाना कुट्टू का आटा इसमें भ्रष्टाचार मिला है, दूध में नहीं दूध, हैवानियत का क्षार मिला है.. पानी में है पानी पर इसकी अलग कहानी, कै...
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