बारिश ...
बारिश का इंतज़ार
जैसे बरसों से था
वक़्त की गरम धूप
पसीना भी सुखा ले गई थी
दिल पे बनी
मोटी दरारों में
कदम धँसने लगे थे
लगता है
भागते भागते
सूरज के करीब
पहुँच गया था मैं
जो इकट्ठा किया था
अपने हाथों से
अपनी किस्मत का पानी
वो भाप बना
उम्मीद के बादलों में
समा गया था
और जब गिरा पानी
बादलों से पहली बार
तो यूं लगा कि
भर जाएगा मेरा कटोरा
पूरा का पूरा
पर बादलों में
कहाँ था वो कालापन
कहाँ थी वो बरस जाने वाली बात
कुछ मतलबी हवाओं संग
कहीं और निकल गए बादल
जो थोड़ी बूँदा-बाँदी
ये वक़्त करा देता है
तरस खाकर,
उसी में भिगोये खुद को
इंतज़ार किया करते है
हरदम यही लगता है
कि होने को है
अपने हिस्से की बारिश
बारिश का इंतज़ार
बरसों से है ....
...............रजनीश (26.06.2014)
( जून में तो बारिश हुई नहीं ठीक से ,
मौसम विभाग के अनुसार
मौसम विभाग के अनुसार
अच्छी बारिश जुलाई में हो सकती है ,
पर इस साल की बारिश औसत से कम होगी )