Sunday, June 17, 2018

पिता

पिता वृक्ष
पिता पालक
पिता मित्र
पिता  समर्थक
पिता दाता 
पिता आलोचक
पिता माझी 
पिता शिक्षक
पिता सारथी
पिता रक्षक
पिता ईश्वर
पिता जनक

                   ...On father's Day
                   ...रजनीश (17.06.18)

Wednesday, June 13, 2018

बारिश

बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है

पहले बारिश के खयाल से ही
भीग जाया करते थे
अब ऐसे हो गए हैं
कि बूंदें फिसल जाती हैं बदन से
दिल सूखा रह जाता है

बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है

एक वक्त था जब
गिरती बूंदों को गले लगाने
बादलों के पीछे भागते थे
अब घर में कैद हो
करते हैं  इंतजार
बादलोँ  के  बरस जाने का

बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है

..रजनीश (15.06.18)

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