बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है
पहले बारिश के खयाल से ही
भीग जाया करते थे
अब ऐसे हो गए हैं
कि बूंदें फिसल जाती हैं बदन से
दिल सूखा रह जाता है
बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है
एक वक्त था जब
गिरती बूंदों को गले लगाने
बादलों के पीछे भागते थे
अब घर में कैद हो
करते हैं इंतजार
बादलोँ के बरस जाने का
बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है
..रजनीश (15.06.18)
2 comments:
भीतर के बच्चे को सुला दिया है वक्त के थपेड़ों ने किसी तरह..जग जाए तो फिर बारिश में भीगने का मजा आने लगेगा..
बहुत सुन्दर
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