Wednesday, June 13, 2018

बारिश

बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है

पहले बारिश के खयाल से ही
भीग जाया करते थे
अब ऐसे हो गए हैं
कि बूंदें फिसल जाती हैं बदन से
दिल सूखा रह जाता है

बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है

एक वक्त था जब
गिरती बूंदों को गले लगाने
बादलों के पीछे भागते थे
अब घर में कैद हो
करते हैं  इंतजार
बादलोँ  के  बरस जाने का

बारिश तब भी होती थी
बारिश अब भी होती है

..रजनीश (15.06.18)

2 comments:

Anita said...

भीतर के बच्चे को सुला दिया है वक्त के थपेड़ों ने किसी तरह..जग जाए तो फिर बारिश में भीगने का मजा आने लगेगा..

Onkar said...

बहुत सुन्दर

पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....