वजूद बनाए रखने की चेष्टा
विपरीत परिस्थितियों
को झेलते हुए ,
को झेलते हुए ,
समय , किस्मत से
संघर्ष के उपरांत
संघर्ष के उपरांत
अंततः बीजरूप बन गई
प्रकृति ने दिया था उसे
एक छोटा सा आवरण
जो बचा सके जीवन की आशा
विनाश के चंगुल से ,
हवा के संग
सूक्ष्म संभावना
धरती के पास पहुंची
अपनी कोख में धरती ने रख लिया
उसे जगह दी उसे पोषित किया
और सही समय का इंतज़ार करती रही
धरती की मदद को हाथ बढ़ाया माली
जिसने बचाया इस बीज को कुचलने से
धरती को पानी और पोषण दे
बीज को दी दस्तक बाहर आने की
और फिर हुआ जीवन का प्रस्फुटन
बीज ने धकेल कर अपने कमरे को तोड़ दिया
बीज से बन गया था अंकुर
और धरती ने हौले से प्यार से
उसे बाहर की ओर धकेला
उसकी अंगुली माली को पकड़ा दी
माली सहेजता रहा ये आशा
जीवन के पनपने की ये कोशिश
धरती की मदद और अंकुर को सहारा
माली लगा रहा
अंकुर के अपने पैरों पर खड़े होने तक
जीवन की संभावना को
जीवन रूप में फलीभूत ,
पोषित करना मातृत्व है
धरती है माँ का रूप
माँ का अंश है हवा में
जिसने बीज को धरती तक पहुंचाया
माँ का अंश है पानी, धूप
और अन्य तत्वों में
जिन्होने बीज को पोषण दिया
माँ का अंश है माली में
जिसने दाई का फर्ज़ निभाया
माँ धारण करती है एक वृहत रूप
जिसमें सृजन , पोषण , लालन –पालन
जीवन को बचाए रखने सँवारने का
हर साधन, हर कण, हर क्षण समाया है
मातृत्व जीवन देने वाला संघर्ष है
पुण्य कार्य है , भावना है ,यज्ञ है
....रजनीश ( 08.05.2013)
International Midwives' Day 5th
मई
को अनेक देशों में मनाया जाता
है।
यह रचना midwifery प्रॉफ़ेशन को समर्पित है ।
यह रचना midwifery प्रॉफ़ेशन को समर्पित है ।
7 comments:
अति सुन्दर कहा है..
मुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि
आप की ये रचना 10-05-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल
पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ।
आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाना।
मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।
बीज को फल तक बनाने का कर्म दैवीय है..सुन्दर उद्गार..
वाह1!!वाह, बहुत सुंदर भावपूर्ण सार्थक प्रस्तुति,,,
RECENT POST: नूतनता और उर्वरा,
धरती माँ है..यही तो कहा था ऋषियों ने और आज मानव भूल गया है..मातृत्व को सम्मानित करती बहुत सुंदर कृति..
too varied to construe..
lovely expressions :)
पालनकर्ता के रूप ने नारी माँ का यह मातृत्व भरा रूप नमन करने योग्य है..... बहुत सुंदर रचना
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