ईश्वर का पता नहीं
पर आस्था तो है
मंजिल का पता नहीं
पर रास्ता तो है
न्याय का पता नहीं
पर अदालत तो है
सजा का तो पता नहीं
पर हिरासत तो है
जीत का पता नहीं
पर हौसला तो है
क्या सही-गलत पता नहीं
पर फैसला तो है
कौन अपना है पता नहीं
पर लगाव तो है
मंजिल समंदर है पता नहीं
पर बहाव तो है
..........रजनीश (15/06/17)
पर आस्था तो है
मंजिल का पता नहीं
पर रास्ता तो है
न्याय का पता नहीं
पर अदालत तो है
सजा का तो पता नहीं
पर हिरासत तो है
जीत का पता नहीं
पर हौसला तो है
क्या सही-गलत पता नहीं
पर फैसला तो है
कौन अपना है पता नहीं
पर लगाव तो है
मंजिल समंदर है पता नहीं
पर बहाव तो है
..........रजनीश (15/06/17)
4 comments:
Bahut Sundar Abhivyakti.
धन्यवाद!
सुंदर भावपूर्ण ! रास्ते का पता हो तो मंजिल दूर कहाँ है...
बहुत सुन्दर
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