टीवी स्क्रीन पर
बार बार आ रहा है
ये मैसेज
देखिए कहीं बारिश
तो नहीं हो रही
आपके टीवी को सिग्नल
नहीं मिल रहा
बारिश के मौसम में
हर दिन की ये कहानी है
बिना टीवी के
सुबहो शाम अब बितानी है
स्क्रीन को ताकता हूँ
इधर उधर से झांकता हूँ
कोई चित्र ही नही
कोई समाचार नही
कोई खबर नहीं
कोई बाजार नहीं
टीवी पर कुछ
दिखता ही नहीं
न घटना न दुर्घटना
न मरना न कटना
न झगड़ा न लड़ाई
न सास न भौजाई
आदत सी थी
हल्ले गुल्ले की
देखकर ये सब
भेजा घूम जाता था
अपनी तकलीफों से परेशान
और परेशान हो जाता था
देखता था ये सब
लगता है
थोड़े से सुकून के लिए
कि बाहर भी बड़ा गम है
नहीं गम सिर्फ मेरे लिए
अब हर रोज की बारिश का
असर नजर आ रहा है
घर पर शोर की जगह
शांति ने ले ली है
टीवी बंद रहता है
और अब तो मजा आ रहा है
पहले दर्द बढ़ता जाता था
अब सुकून आ जाता है
जो टीवी पर जाया हो जाता था
वो वक्त काम आ जाता है
यूं ही होती रहे बारिश
ताकि टीवी बंद रहे
बुद्धू बक्से की रहे छुट्टी
घर में कुछ सुकून रहे
...रजनीश(05.08.18)
1 comment:
सही कहा है आपने कुछ दिन टीवी बंद रहे तो परिवार जन एक-दूसरे की सुनें..
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