Sunday, September 30, 2018

कुछ आदतें



वो आए खयालों में
तब भी दूरियाँ बनाए  रखीं
और हम आगवानी  के लिए
अपना घर संवारने लगे 

दिल की आदत सी
बन गई है मसरूफियत
कुछ और नहीं मिला
तो सुकून तलाशने लगे

तय तो यही किया था
नहीं करेंगे कभी याद उन्हें
पर तन्हाई ने सताया
तो उन्हें ही पुकारने लगे

.. रजनीश (30.09.18)

5 comments:

iBlogger Team said...

Hello Rajnish Ji, We have publish your blog our weekly Column 'Blog of the Week'. You can view about your blog here.
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ब्लॉग बुलेटिन said...

ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 01/10/2018 की बुलेटिन, ये बेचारा ... होम-ऑटोमेशन का मारा “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Anita said...

वाकई दिल तो हमेशा किसी न किसी काम में लगा रहना चाहता है..खाली बैठा तो जैसे उसका अस्तित्त्व ही खो जायेगा...

दिनेश said...

बहुत खूब अच्छी poem हैं सर

Mangesh chaudhari said...

https://www.sabinhindi.com/2020/11/happy-new-year-wishes-for%20-friends-and-family-in-hindi-2021.html?m=1

Happy new year 2021

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