हर वक्त चुप रहने से कुछ कह देना ही अच्छा
सिर्फ कहने को कुछ कहने से चुप रहना ही अचछा
सिर्फ कहने को कुछ कहने से चुप रहना ही अचछा
सही वक्त के इंतजार में चला जाता है सारा वक्त
इंतजार करते रहने से तो चल निकलना अच्छा
इंतजार करते रहने से तो चल निकलना अच्छा
हर वक्त भागमभाग है बैचेनी और बदहवासी
रुक के कुछ पल साथ खुद के बैठ लेना अच्छा
रुक के कुछ पल साथ खुद के बैठ लेना अच्छा
दिल का गाना बेसुरा नहीं जज्बात में डूबा होता है
घबराकर रुक जाने से तो गुनगुना लेना अच्छा
घबराकर रुक जाने से तो गुनगुना लेना अच्छा
सच को सच सच कहना नामुमकिन तो नहीं मगर
सच बस कड़वाहट लाए तब झूठ बोलना अच्छा
सच बस कड़वाहट लाए तब झूठ बोलना अच्छा
...रजनीश (03.08.18)
1 comment:
वाह, बहुत खूब !
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