बस जाने वाला है इक साल
बस आने वाला है इक साल
चढ़ गई एक और परत
वक़्त की हर तरफ़
कुछ सूख गए पेड़ों और
कुछ नई लटकती बेलों में
बस कुछ खट्टी मीठी यादें
बाकी सब , पहले जैसा ही हाल
बस जाने वाला है इक साल
बस आने वाला है इक साल
एक बारिश सुकून की
धो गई कुछ ज़ख़्म इस बरस
कुछ अरमान ठिठुरते रहे
कड़कड़ाती ठंड में सहमे
चढ़ते उतरते रहे मौसम के रंग
जवाबों में फिर मिले कुछ सवाल
बस जाने वाला है इक साल
बस आने वाला है इक साल
....रजनीश (16.12.2012)