Sunday, December 11, 2011

चंद्र ग्रहण

कुछ यूं 
हुआ था चाँद के साथ
कि चलते चलते
 कुछ पल चाँद खो गया था,
पूनम की रात 
चाँद के बिना 
सेज पर इंतज़ार करती रही 
दुल्हन की तरह 
कुछ पलों को जलती रही 
था मजबूर चाँद 
ये वफ़ा थी रस्तों से 
एक करार  था 
सफर के साथियों से  
उसे निभाना था
जो डगर थी उसपर 
ही जाना था ,

रास्ते  ही कुछ
 ऐसे होते  हैं 
कि कभी कभी 
अपना वजूद 
ही गुम जाता है 
खो जाती है मुस्कुराहट 
साथ निभाते-निभाते 
उखड़ जाते हैं पैर 
और दिल भी टूट जाता है, 

वक्त की आंधी के बाद 
पर  चाँद फिर से 
 निकल अंधेरे से 
चाँदनी का घूँघट 
हौले से हटाता है 
और  मीठा सा 
अहसास होता है 
कि दर्द भरा पल 
जो ठहरा सा लगता है 
सदा साथ नहीं रहता 
गुजर ही जाता है 
....रजनीश (11.12.11)

20 comments:

रविकर said...

खूबसूरत प्रस्तुति ||

बहुत बहुत बधाई ||

रश्मि प्रभा... said...

achhi rachna...

रचना दीक्षित said...

पर चाँद फिर से
लिकल अँधेरे से
चांदनी का घूँघट
हौले से हटाता है

क्या बात है. अत्यंत संवेदनशील प्रस्तुति.

बधाई.

Kewal Joshi said...

खूबसूरत रचना.

vandana gupta said...

वक्त कोई भी गुजर हीजाता है बस निशान छोड जाता है।

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 012-12-2011 को सोमवारीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ

mridula pradhan said...

bahut sunder....

Amit Chandra said...

बिलकुल सही. वक्त कैसा भी हो गुजर जाता है. खूबसूरत रचना. आभार.

Kailash Sharma said...

बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण अभिव्यक्ति..

मनोज कुमार said...

दिल को प्रभावित करने वाली रचना।

प्रवीण पाण्डेय said...

हम भी तो समय के ग्रहण में खो जाते हैं।

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

वाह !!! विरह और बिछोह को चंद्र ग्रहण के प्रतीकों से सुंदरता से चित्रित किया है.

Jeevan Pushp said...

बहुत सुन्दर रचना ..!
आभार !
मेरे ब्लॉग पे आयें आपका स्वागत है !

Anonymous said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति|

Anita said...

चन्द्र ग्रहण को लक्ष्य कर लिखी गयी सुंदर रचना !

विभूति" said...

सशक्त और प्रभावशाली रचना.....

अनामिका की सदायें ...... said...

sunder bimbo ka pryog karti ek sachayi bayan kar gayi ye rachna.

beeta samay kabhi laut k nahi aata lekin unki yaade man ko ehsas deti rahti hain.

मेरा मन पंछी सा said...

sundar abhivyakti.....

Rajendra Raikwar said...

very nice post...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत रचना .

पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....