Wednesday, February 29, 2012

सूरत असली-नकली



दूर से मिलते आकर और चले जाते हैं दूर
दूर से ही दूर क्यों सीधे निकल नहीं जाते

दुहाई रिश्तों की और बयां हमनिवाला दिनों का 
जाया करते हैं वक़्त क्यों मुद्दे पर नहीं आते 

सारी रात चले महफिल और उनकी जाने की रट 
पर जमे रहते हैं क्यों उठकर चले नहीं जाते

वादा मदद का और साथ मुश्किलों का बखान
तकल्लुफ छोडकर क्यों सीधे पैसों पर नहीं आते

मुंह में राम राम और बगल में रखें रामपुरिया
पीठ पर ही वार क्यों  सीने में घोप नहीं जाते

जो मिला न उनको और वही मिल गया हमको
फ़ीका मुस्कुराते हैं क्यों सीधे जल नहीं जाते

आँखों से टपके आँसू और कलेजे में पड़ी है ठंडक
छोड़ गमगुसारी क्यों जाकर खुशियाँ नहीं मनाते

छुपता नहीं छुपाने से और चेहरे से बयां हो जाता है
मुखौटे बदलते हैं क्यों ये बात समझ नहीं पाते

.....रजनीश (29.02.12)

19 comments:

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

अच्छी रचना... वाह!
बधाईयाँ.

Unknown said...

Wow sir! Kitni pyari poem banayi hai....

vidya said...

वाह!!वाह!!!
बहुत खूबसूरत गज़ल...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आज यही दुनियादारी है ...सटीक ग़ज़ल

mridula pradhan said...

bahot achchi lagi......

kanu..... said...

mudde par nahi aate...bahut hi sahi...

Anita said...

बहुत जोरदार रचना...मुद्दे पर नहीं आते बस यूँ ही ह गोल मोल बात करते हैं...तभी तो आज के हालात ऐसे हैं..

आशा बिष्ट said...

waah

vandana gupta said...

बेहद खूबसूरत गज़ल्।

रविकर said...

दोस्त सा दिखता है लेकिन,
दुश्मनों से भी बुरा ।

निश्छल हंसी से छल रहा,
हरदम प्रपंची बांकुरा ।

दूर जाना है उसे पर,
पीठ ना चाहे दिखाना --

विश्वास से कर घात घोंपे,
पीठ पर मारक छुरा ।


दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक

http://dineshkidillagi.blogspot.in

विभूति" said...

बहुत ही अच्छी.... जबरदस्त अभिवयक्ति.....वाह!

प्रवीण पाण्डेय said...

गहरी रचना, काश सब इतना सरल सोच पाते..

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत ही सुन्दर..
बहुत ही बढ़िया रचना..

Kunwar Kusumesh said...

बेहद खूबसूरत.

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सरल शब्दों में ....गहरी अभिव्यक्ति...

Kewal Joshi said...

आजकल के उथले रिश्ते - ज़माना ऐसे ही रंग बदल रहा है....सुन्दर पोस्ट.
आपको सपरिवार , होली की शुभ कामनाएं.

Kewal Joshi said...

सामयिक, विचारणीय आलेख... बधाई.

आपको सपरिवार , होली की शुभ कामनाएं.

Kewal Joshi said...

सटीक कहा आपने, सुन्दर पोस्ट.
आपको सपरिवार , होली की शुभ कामनाएं

Dr (Miss) Sharad Singh said...

सच को रेखांकित करती सुन्दर रचना.
हार्दिक बधाई..

पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....