Sunday, April 21, 2013

हर शाम तेरे नाम




तेरी पायल की छन छन से खिल जाती हर शाम 
तेरी ज़ुल्फों के साये में रंगीन हो जाती हर शाम 
वक़्त भी करता दुआ कुछ पल थम जाने की 
तेरे यहाँ होने पर सुरमई हो जाती हर शाम 

.....रजनीश ( 21.04.2013)

4 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,रजनीश जी,,,,

RECENT POST : प्यार में दर्द है,

रचना दीक्षित said...

जीवन में सुकून आवश्यक है फिर चाहें वह जुलफों की छाओं में मिले या पायल की छन छन में.

विभूति" said...

खुबसूरत अभिवयक्ति......

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत बढ़िया....

पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....