दिल से लगाओ रंग कभी खत्म नहीं होंगे....
आओ, ये रंगो का मौसम है ,
खेलें इनसे और घुल-मिल जाएँ
इन रंगों में ,
केवल टीके और पिचकारी से नहीं
रंगों की बौछारों से खेलें ,
दोनों हथेलियों में भर-भर कर
अबीर-गुलाल उड़ाएँ ,
खुल जाएँ और पूरें भीगें,
महसूस करें इन रंगों को ...
ये पल हैं सराबोर होने के,
पूरा-पूरा रंगने के पल हैं ...
अच्छी तरह रंगने के लिए
करीब आना होता है ,
दीवारें तोड़नी होती हैं,
पूरी तरह रंगों में डूब जाने पर ही
लगते हैं सभी इक रंग में रंगे,
और तब असली रंग उतरता है दिल में...
प्रतीकों में नहीं ,
दिल खोल कर खेलें सभी,
सबसे मिलें ,सबमें मिल जाएँ ...एकरंग
और ये त्यौहार बस चलता रहे...
...रजनीश (19.03.2011)
(होली की शुभकामनाएँ ! )
6 comments:
दिल खोल कर खेलें सभी,
सबसे मिलें ,सबमें मिल जाएँ ...एकरंग
और ये त्यौहार बस चलता रहे...
सुंदर सार्थक आव्हान लिए इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई.....
रंग पर्व की मंगलकामनाएं आपको भी
बहुत खुब। आपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएॅ।
रंग पर्व होली की आपको और आपके परिवार को बहुत-बहुत मंगल कामनाएं ...
प्रतीकों में नहीं ,
दिल खोल कर खेलें सभी,
सबसे मिलें ,सबमें मिल जाएँ ...एकरंग
और ये त्यौहार बस चलता रहे...
आपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है...
होली की हार्दिक शुभकामनाएं !
आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
सादर
भूल जा झूठी दुनियादारी के रंग....
होली की रंगीन मस्ती, दारू, भंग के संग...
ऐसी बरसे की वो 'बाबा' भी रह जाए दंग..
होली की शुभकामनाएं.
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