Tuesday, April 26, 2011

गुलमोहर और पलाश

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रोज गुजरता हूँ  इधर से
वही रास्ता  हर दिन जैसे
एक चक्कर में घूमती जिंदगी,
और मिलता है वही पलाश 
जो इतराता था कल तक
अपने मदमस्त फूलों पर,
अब  मायूस खड़ा रहता है
खोया सा पेड़ों के झुंड में,
कभी मैंने भी की थी कोशिश
कि उसका कुछ रंग चढ़े मुझ पर ,
आज वो खुद दिखता बदरंग , बैचेन
जैसे खो गई  हो उसकी पहचान,
दिन तो फिरे हैं अभी
उस घमंडी गुलमोहर के,
जो चार कदम दूर ही मिलता है,
पलाश को मुँह चिढ़ाता
पुराना बदला लेता,
चटख लाल हुआ जा रहा है
जैसे  ढेरों सूरज उगे हों,
इसी रास्ते से गुजरती है एक गाड़ी
पलाश पढ़ता है गाड़ी पर लिखी इबारत
'दूसरे की दौलत देखकर हैरान न हो
ऊपर वाला तुझे भी देगा परेशान न हो',
मैंने दोनों से ही कहा, पगलों!
व्यर्थ हो जलते , व्यर्थ ही कुढ़ते
क्यों भूलते मौसम एक दिन
पतझड़ का भी  आता है
पर गम न करो  वो  झोली में
फिर से एक बसंत दे जाता है ...
...रजनीश( 26.04.11)

12 comments:

रचना दीक्षित said...

क्यों भूलते मौसम एक दिन
पतझड़ का भी आता है
पर गम न करो वो झोली में
फिर से एक बसंत दे जाता है ...

शुभ और सार्थक सन्देश. बधाई.

दीपक बाबा said...

पर गम न करो वो झोली में
फिर से एक बसंत दे जाता है ...


आशा पर दुनिया कायम है.......
उम्दा कविता.....

Anupama Tripathi said...

sunder bhaav ....
sarthak rachna ..!!

Anita said...

फूलों और पेड़ों के प्रति आपका सहज प्रेम देख कर बहुत खुशी हुई और हमारे यहाँ तो अभी तो पलाश खिल रहा है गुलमोहर को अभी प्रतीक्षा करनी है...

Kailash Sharma said...

क्यों भूलते मौसम एक दिन
पतझड़ का भी आता है
पर गम न करो वो झोली में
फिर से एक बसंत दे जाता है ...

बहुत सार्थक और सटीक प्रस्तुति..सब का समय एक स नहीं रहता...बहुत सुन्दर

विभूति" said...

bhut hi khubsurat....

Patali-The-Village said...

शुभ और सार्थक सन्देश|धन्यवाद|

Unknown said...

निराला की कुकुरमुत्ता और गुलाब की बहस ताज़ा हो गयी . बधाई .

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सुन्दर और सार्थक सन्देश

Dr (Miss) Sharad Singh said...

मौसम को इतने सुन्दर ढंग से कविता में पिरोने के लिए हार्दिक बधाई...

दिगम्बर नासवा said...

Lajawaab ... mousam ki kshata bikherti sundar rachna ...

अविनाश मिश्र said...

Sundar rachna... Blog jagat me naya hun... Mujhe ashirwad de apne cmnt k rup me... avinash001.blogspot.com

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