कोख में रख तुम्हें कष्ट सह है जनमती
दूध-लोरी-दुलार से तुम्हारा पालन जो करती
सींच कर अपना खून भूलकर अपना सबकुछ
जो बड़ा तुम्हें करती वो तुम्हारी गुरु है
अंगुली के सहारे जो है चलना सिखाता
गोद में बिठा अपनी तुम्हें कहानी सुनाता
हिस्से को अपने सही-गलत का समझा अंतर
जो पैरों पे खड़ा करता वो तुम्हारा गुरु है
स्लेट पर चाक रख जो पहला अक्षर लिखाता
किताबों की दुनिया से तुम्हारा परिचय कराता
धर्म-अर्थ-कला-विज्ञान में जो पारंगत तुम्हें कर
जीवन चलाना सिखाता वो तुम्हारा गुरु है
है तुम्हारे सुख-दुख में जो सदा साथ रहता
दोस्त या हमसफर बन के दिल में जो बसता
संबल बन तुम्हारा चिंता तुम्हारी हर कर जो
हर रस्ता आसां करता वो तुम्हारा गुरु है
दिल का एक टुकड़ा अंश है जो तुम्हारा
तुम्हारे सपनों को सच करने आया जो दुलारा
नई पौध का प्रतिनिधि नई सोच तुम्हें देकर
नए चिराग जो दिखाता वो तुम्हारा गुरु है
जो है भीतर तुम्हारे एक दीपक सा जलता
अंधेरी डगर तुम्हारी हरदम रोशन जो करता
कोलाहल में अंदर की आवाज बनकर तुम्हें
तूफानों में खड़ा रखता वो तुम्हारा गुरु है
(हर-क्षण हर-कण सजीव या निर्जीव
प्रकृति का हर अंश ही तुम्हारा गुरु है )
...रजनीश (06.09.2011)
17 comments:
A great poem, appreciate the thoughts which are binding this poem.
बहुत सुन्दर
गुरु की छाया कई रूप में आपके साथ होती है ...
सुंदर कविता..
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना| धन्यवाद|
बेहतरीन रचना....
sundar...
सुन्दर भाव से सजी अच्छी रचना ...गुरु को कैसा होना चाहिए यह बताती हुई ..
गुरु की महिमा को सुंदर सरल शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत करती हुई सुंदर कविता.. आभार!
सच है जीवन का हर क्षण भी तो गुरु ही है ... कुछ न कुछ सिखा जाता है ... प्रभावी रचना ...
सही है ....हम हर दिन कुछ -न -कुछ नया सीख सकते हैं
badhiyaa
गुरु .....गु और रु के मेल से बना
गु का अर्थ अन्धकार
रु का अर्थ प्रकाश
अर्थात ....जो हमें अन्धकार से प्रकाश की तरफ ले जाता है वह गुरु है ....जीवन का कोई भी पक्ष ऐसा नहीं जहाँ हमें इसकी आवश्यकता महसूस नहीं हो ....आपका आभार इस सार्थक रचना के लिए
आपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...
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अत्यंत प्रभावशाली प्रस्तुति
saarthak rachna, shubhkaamnaayen.
गुरु की महिमा
सुन्दर भाव से सजी अच्छी रचना
मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है !
http://sanjaybhaskar.blogspot.com/
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