Sunday, November 6, 2011

फ़ेस बुक

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चेहरों की किताब
हर चेहरे में अपना चेहरा
अपने चेहरे में हर चेहरा
मिलता हूँ अपनों से
किताब के पन्नों में
जो उभरते हैं एक स्क्रीन पर
जो कभी हुआ करते थे रु-ब-रु
थाम हाथ जिन्हें महसूस कर सकता था
अब छू तो नहीं सकता
पर देख सकता हूँ
और कभी-कभी तो पहले से भी ज्यादा
चेहरों की ये किताब हरदम साथ रहती है
पन्नों पर बहुत  से ऐसे भी चेहरे आए
जो बस एक धुंधली सी छाया थे
अब यादों ने फिर से पानी दिया
और चेहरों के अंदर से
फिर निकल आया कोई अपना
जुड़ जाती हैं टूटी कड़ियाँ
फिर हाथ आ जाता है वो छूटा सिरा
वक़्त लौट आता है
हम जो ढूंढते हैं वो भीतर ही होता है
किताब के चेहरे दरअसल
रहते हैं दिल में
फिर कोई मुखातिब हो या
दूर बैठा कहीं से
बांटता हो अपनी यादें
अपनी तस्वीरें  अपना मन
और सुनता हो  बातें करता हो
देखता हो और जुड़ा रहता हो
फिर एहसास नज़दीकियों के
मोहताज नहीं रह जाते
किताब एक बैठक बन जाती है
फासला कहाँ रह जाता है ?
अगर किताब के चेहरे असली हैं
तो आभासी कुछ भी नहीं 
साथ के लिए क्या ज़रूरी कि हाथ में हो हाथ
कोई बहुत दूर का  भी पास चला आता है
गम नहीं कि बहुत दूर मेरे घर  से तुम
क्यूंकि  हिस्सा दिल का कभी दूर नहीं जाता है ...
....रजनीश ( 06.11.2011)

15 comments:

Kunwar Kusumesh said...

ज़बरदस्त भावों से लबरेज़.

विभूति" said...

गम नहीं कि बहुत दूर मेरे घर से तुम
क्यूंकि हिस्सा दिल का कभी दूर नहीं जाता है ...khubsurat bhaav.....

प्रवीण पाण्डेय said...

फेसबुक के पन्नों के पीछे न जाने कितने चेहरे छिपे रहते हैं।

रचना दीक्षित said...

क्यूंकि हिस्सा दिल का कभी दूर नहीं जाता.

सुंदर भावाभिव्यक्तियाँ. चेहरे की किताब वांचना बहुत पसंद आया.

mridula pradhan said...

गम नहीं कि बहुत दूर मेरे घर से तुम
क्यूंकि हिस्सा दिल का कभी दूर नहीं जाता है ...
kya kammal ka likhe hain.......

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत खूब सर!
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कल 07/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

mridula pradhan said...

bahut hi achchi lagi......

सागर said...

saargarbhit rachna....

अनुपमा पाठक said...

सुन्दर भाव!

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सुन्दर रचना... वाह!!
सादर बधाई....

प्रेम सरोवर said...

एक अच्छी और गहन रचना. की प्रस्तुति के लिए धन्यवाद । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

आशा बिष्ट said...

बहुत सुन्दर रचना..

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत रचना .

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

सुंदर रचना फेश बुक की बढिया पोस्ट ..बधाई मेरे नए पोस्ट में स्वागत है ...

Anita said...

गहन भावों को समेटे एक सुंदर रचना !

पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....