आज एक साल का हो गया मेरा ब्लॉग ...इस अवसर पर पेश है एक नई कविता ...कविता बनी है मेरी पुरानी कविताओं के शीर्षकों से ...
आप इस ब्लॉग पर आए..हृदय से धन्यवाद ..... _____________________________________
अब क्या दूँ अपना परिचयमैं हूँ मेरी कविता मेंमेरी आवाज़ है मेरी कवितामेरी कश्मकश का एक चित्र हैमेरे अनुभव हैं मेरा व्याकरण और शब्दकोशलाइनों में साँस लेते एहसासऔर कुछ लम्हे बन गए तवारीख़बस खुद को ही लिखा हो ऐसा नहींजो थोड़ी बहुत कोशिश कीइस रिश्तों की दुनिया को समझने कीजो मुश्किलें और व्यथा देखता हूँउसे भी समेटा है शब्दों मेंबनाया है उनका पोर्ट्रेटज़िंदगी एक खेल है चाहत काज़िंदगी एक सपना हैज़िंदगी का अफ़साना जबकलम से चलकर पन्ने पर पहुंचातो पन्ने की छाती पर उभरे चंद शेरकुछ प्रश्न लिए हुए सीने मेंमैं जीता हूँ एक सड़क और सफरमंजिल की ओर चलतेमिलता और खोता रहा रास्ते का सचकहीं कोई मिला अपना साकभी हुआ दृष्टिभ्रमकहीं हुई एक बादल से मुलाक़ातकभी रास्ते में मिल गया बसंतसुनी गुफ़्तगू गुलमोहर और पलाश कीकभी सूरज की गर्मी में उठाई कलमकभी भीगे सब पन्ने बेमौसम बरसात मेंकभी अपनी आँखों से देखासपना एक जमीन कालिखते लिखतेकभी महसूस कियाधरती का कंपनकई बार हुई रात से बातकभी कोशिश की पढ़ने कीसमय की भाषा हस्तरेखा मेंढूंढा जब भविष्यफलतो कविता बनी एक खोज-हाथ की उस लकीर कीजो कर देती है सच एक सपना और जिसमें चाहत को मिलता हैएक खूबसूरत मुक़ामकभी वो लिखाजो तुमने कहा था ...कभी आया एक खालीपनजड़त्व एक भावना शून्यतासोचा लिखूँ तो आखिर क्यूँऔर पन्ने पर मिली एक अलिखित कविताकही सपने की बातकभी गाए खुशी के गीतकई बार हुई तकलीफ़ क्यूंकिकुछ एहसास ऐसे होते हैंजिनकी बात ही पूरी नहीं होती कभीकभी दिल कियाछोड़ सारी आस और कर कैद अपने आंसूजी लें उन्मुक्तता सेथोड़ा सा रूमानी हुआ जाएहों जाएँ कुछ हल्के -फुल्के सेआखिर कलम भी चाहती है बदलावअपरिवर्तन उदास कर देता हैखैर ,समय चलता रहाऔर साथ में सफर भीहोली के रंग में भीगेहोली के बाद मिली दीपावाली की शुभकामनाएँजारी है सफर मिल रहे हैं दोस्तबनते गए नए-नए हमराज़एक तस्वीर बन रही हैन थकती है कलमन खत्म हुआ परिचयकुछ बातें पुरानीऔर नई कहानीकुछ सदाबहार यादेंफ़िर एक कविताफ़िर नया शीर्षकबंद नहीं हुआ खेल साँप-सीढ़ी का पन्ने दर पन्ने लाइन दर लाइनजारी है मेरा बयानएक ही प्रार्थनाइस वृतांत में बस खुशबूदारमुस्कुराते शब्द ही हों .......रजनीश ( 07.11.2011)
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यहाँ अपना कुछ समय गुजारा
मेरी कविताएं पढ़ी ( हाँ ..चित्र भी मेरे अपने हैं !)
प्रेरणा दायक टिप्पणियाँ लिखीं...
मेरे लिए बहुत ही सुखद अनुभव है ये ..
इस प्रेम और उत्साहवर्धन के लिए
आप सब का हृदय से आभारी हूँ
मेरा लिखना जारी है ...
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इस ब्लॉग पर जरूर आएँ ..
आपका सदैव स्वागत है ...
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धन्यवाद ! हार्दिक शुभकामनाएँ !!