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Friday, March 6, 2015

आओ खेलें होली ...

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रंग लगे भंग चढे
अबीर और गुलाल उड़े
खेलें सब मिलके
रंग भरी होली

ढ़ोल बजे रंग सजे
नाचें सब धूम मचे
खेलें सब मिलके
उमंग भरी होली

रंगों से राह पटे
गुझिया मिठाई बंटे
खेलें सब मिलके
स्वाद भरी होली

प्यार बढ़े बैर घटे
बेरंग ना कोई बचे
खेलें सब मिलके
खुमार भरी होली

हाथों में रंग लिए
दिल से आज दिल मिलें
खेलें सब मिलके
प्यार भरी होली

....रजनीश (06.03.15) 
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.... 

Thursday, January 1, 2015

नया वर्ष नई कविता

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नए वर्ष में नई उमंगे
नए गीत नई खुशियाँ बरसे
नई मंज़िलें नए रास्ते
कदम कदम मन सबका हरसे

सपने हो जाएँ साकार
सफलता के नव द्वार खुलें
मिट जाए अंधकार
चहुं ओर प्रेम के दीप जलें

नए वर्ष में नए तराने
सभी हृदय एक ताल में थिरकें
गुनगुनाएँ खुशियों के गाने
बढ़े चलें सब साथ में मिलके

आशाओं को दें जीवन
पाएँ रिश्तों में ऊँचाइयाँ मिलके
जो बीत गई सो बात गई
जो खोया उससे सीखें मिलके

नए बर्ष में नई उमंगे
नए गीत नई खुशियाँ बरसे
नया जोश और नई तरंगे
कोई हृदय ना प्यासा तरसे ....
..... रजनीश (01.01.2015)
नववर्ष 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ ....
पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....