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Saturday, January 24, 2015

दरअसल ....



















था न कोई उस राह , पर इंतजार हम करते रहे
उनको हमसे नफ़रत सही , पर प्यार हम करते रहे    

वक़्त की ख़िदमत में , अक्ल-ओ-दिल से लिए फैसले
और किस्मत के नाम , हर अंजाम हम करते रहे

रिश्ता निभाने खुद को भुला देने से था परहेज़ कहाँ  
बस रिश्ता बनाने का जतन हम करते रहे

बसा जो दिल में था उसे क्या भूला क्या याद किया  
बस खोए हुए दिल की तलाश हम करते रहे

क्या कहें क्या अफसाना क्या मंज़िल क्या ठिकाना
बस एक सफ़र की गुजारिश हम करते रहे

............रजनीश (24.01.15)

Wednesday, October 15, 2014

बारिश के बाद


(1)
बारिश के इंतज़ार में
रुक गई थी कलम
किताब पर पड़ी रही
आसमां तकते तकते
स्याही भी सूख चली थी
पन्ने झुलस रहे थे
तब बादल उमड़ पड़े
और फिर बारिश आ गई

कुछ छींटे पन्नों पर  पड़े
और भीग गए कुछ शब्द
धुल गई कुछ लाइनें
एक पन्ना फिर कोरा हो गया
कुछ लाइनों को मिटाने की कोशिश की थी
पर बूंदें उन्हें अनछुआ छोड़ गईं

भीगी किताब को सुखाया
बारिश के जाने के बाद
बदली शक्ल वाली किताब लिए
यही सोचता रहा
क्यूँ हुई ये बारिश ....
....
(2)

बारिश का इंतज़ार
रहता है बारिश होने तक
बारिश हो जाने पर
उसके जाने का इंतज़ार
जैसे मेरे लिए ही होती हो ये बारिश
न मेरे बुलाने से आती है
न मेरे मनाने से जाती है
बारिश का एक मकसद है
जिससे लेती है उसे लौटाती है
जिसका होता है पानी
उसे ही सौंपती है वापस
जमीन की होती है ये बारिश
क्यूंकि पानी भी है इसी जमीन का
पर  हक़ मैं जताता हूँ अपना
इसी लिए दर्द आता है मेरे हिस्से ...

.........रजनीश (15.10.2014)
बड़े दिनों बाद लिखा है । 
पिछली कविता "बारिश के इंतज़ार" 
पर खत्म की थी इसीलिए वहीं से शुरू कर रहा हूँ ...

Thursday, June 26, 2014

बारिश का इंतज़ार

















बारिश ...
बारिश का इंतज़ार
जैसे बरसों से था

वक़्त की गरम धूप
पसीना भी सुखा ले गई थी
दिल पे बनी
मोटी दरारों में
कदम धँसने लगे थे

लगता है
भागते भागते
सूरज के करीब
पहुँच गया था मैं

जो इकट्ठा किया था
अपने हाथों से
अपनी किस्मत का पानी
वो भाप बना
उम्मीद के बादलों में
समा गया था

और जब गिरा पानी
बादलों से पहली बार
तो यूं लगा कि
भर जाएगा मेरा कटोरा
पूरा का पूरा

पर बादलों में
कहाँ था वो कालापन
कहाँ थी वो बरस जाने वाली बात
कुछ मतलबी हवाओं संग
कहीं और निकल गए बादल

जो थोड़ी बूँदा-बाँदी
ये वक़्त करा देता है
तरस खाकर,
उसी में भिगोये खुद को
इंतज़ार किया करते है

हरदम यही लगता है
कि होने को है
अपने हिस्से की बारिश

बारिश का इंतज़ार
बरसों से है ....
...............रजनीश (26.06.2014)
( जून में तो बारिश हुई नहीं ठीक से ,
मौसम विभाग के अनुसार 
अच्छी बारिश जुलाई में हो सकती है , 
पर  इस साल  की बारिश औसत से कम होगी ) 



पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....