Showing posts with label मुश्किल. Show all posts
Showing posts with label मुश्किल. Show all posts

Friday, July 7, 2017

मुश्किल और आसान

जिंदगी है मुश्किल
या जिंदगी आसान
कम से कम
ये तय कर पाना
नहीं  आसान
जो करता हूँ कोशिश
इसे आसान बनाने की
ये और मुश्किल
होती चली जाती है
जिन लम्हों के  मुश्किल
होने का होता है डर
वही बन जाते हैं आसान
जो एक के लिए मुश्किल
वो दूजे के लिए आसान
जिदंगी तो बस जिंदगी है
ना मुश्किल ना आसान
ये मुश्किल और आसान का रिश्ता
दरअसल दिलो-दिमाग  से
जोड़ रखा है मैंने
वरना क्या मुश्किल
और क्या आसान
.........रजनीश  (09.07.17)

पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....